शिक्षा पर यह एक महत्पवूर्ण पुस्तक है। लेखक ने अपने अध्यापक जीवन के दौरान किए गए प्रयोगों के अनुभवों को अत्यंत रोचक और सहज शैली में दर्ज किया है। दुनिया के अनेक देशों में परम्परागत शिक्षाशास्त्र से अलग हटकर प्रयोग किए जाते रहे हैं, यह प्रयोग भी उसी श्रेणी में रखा गया है। वैकल्पिक शिक्षा प्रणाली पर विचार करने के लिए असंख्य शिक्षाकर्मियों को इसने प्रेरित किया है। यह पुस्तक शिक्षा मनोविज्ञान की उन स्थापनाओं को व्यावहारिक धरातल पर देखने परखने का मार्ग सुझाती है जिन पर शिक्षा की अधिकांश पुस्तकें अमूर्त तथा अव्यवहारिक समाधान पेश करती हैं।